सोशल मीडिया मे एक से बढ़कर एक चूतिये मिलते हैं। एक मुझे मेरी पोस्ट के लिए गालियां दे रहा था। जब मैंने उसकी विचारधारा का पता किया तो पता चला कि वो उसी विचारधारा का समर्थक था संयोगवश जिस के समर्थन में मैंने पोस्ट लिखी थी। उसको समझना कुछ न था बस अपने मालिकों के लिए लड़ना था।
